Sunday 17 May 2020

आईं जाईं खाईं पीहीं / कवि - जितेंद्र कुमार

ग़ज़ल 





आईं जाईं खाईं पीहीं
फाटल आतम-कापड़ सीहीं

जात-धरम एहीजे तकले
ढाई आखर लीहीं-दीहीं

जिनिगी बा अनमोल रतन-धन
गूढ़ मरम जल्दी चीन्हीं

आइल बा अइसन काल-गरल
नफ़रत छोड़ीं सुख से जीहीं

ढेर ज़हर घोराइल बाटे
शंकर बनके बिख सभ पीहीं.
....
कवि - जितेन्द्र कुमार
पता - आरा (बिहार)
कवि के ईमेल आईडी -jitendrakumarara46@gmail.com
मो.नं. 7979011585
प्रतिक्रिया खातिर ई ब्लाग के आईडी - editorbejodindia@gmail.com

2 comments:

  1. भोजपुरी एक प्यारी मधुर भाषा मे बहुत सुंदर रचना।

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    1. हार्दिक धन्यवाद।

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