राउर जय हो जय हो
अंगरेजन के धूर चटा देनीं
रणबांकुरा बाबू वीर कुंवर सिंह
राउर जय हो जय हो
जगदीशपुर के लाल
सभ केहू कर रहल
आजु रउआ के परनाम
राउर जय हो जय हो
गोली लगला के बाद
आपन बांह खुदे काट
गंगा मइया के चढ़ा दिहनीं
अमरतत्व पा गइनीं
राउर जय हो जय हो
1857 में अंगरेज रहसन
आजु 2018 में आतंकवादी बाड़े स
भारत के वीर जवान
सीमा पर ऊ सभनी से लोहा लेत बाड़े जा
रउआ सभे के प्रेरणा दे रहल बानीं
राउर जय हो जय हो।
कवयित्री- नीतू सुदीप्ति
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