Monday 23 April 2018

राउर जय हो जय हो -बाबू वीर कुंवर सिंह के समर्पित कविता / नीतू सुदीप्ति

राउर जय हो जय हो
अंगरेजन के धूर चटा देनीं
रणबांकुरा बाबू वीर कुंवर सिंह
राउर जय हो जय हो

जगदीशपुर के लाल
सभ केहू कर रहल
आजु रउआ के परनाम
राउर जय हो जय हो

गोली लगला के बाद
आपन बांह खुदे काट
गंगा मइया के चढ़ा दिहनीं
अमरतत्व पा गइनीं
राउर जय हो जय हो

1857 में अंगरेज रहसन
आजु 2018 में आतंकवादी बाड़े स
भारत के वीर जवान
सीमा पर ऊ सभनी से लोहा लेत बाड़े जा
रउआ सभे के प्रेरणा दे रहल बानीं
 राउर शौर्यगाथा सभका दिल में बसल बा
राउर जय हो जय हो। 

कवयित्री- नीतू सुदीप्ति








कवयित्री- नीतू सुदीप्ति